B17 – Traveling Story – द ट्रैन -The Train

ये कहानी कोई Love  Story नहीं है लेकिन Story जरूर है Teal Story एक दिन की Traveling Story जिसे आपको जरूर पढ़नी चाइये ये Traveling Story में आपको पता लगेगा कि कई लोग है ऐसे जिसे आपके अच्छे बुरे से मतलब नहीं होगा बो सिर्फ अपना देखेंगे पहले इस Traveling Story में कई तरह के लोग मिलेंगे क्या आपकी भी Traveling  Story  है – Traveling Story

traveling story

Traveling Story – हम लोग लखनऊ आये थे शिव को दिखाने मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में, शिव चल नही पाता मेरे साथ शिव के पिता और एक दोस्त छोटे है दिनभर लाइन मे लगने के बाद डॉक्टर ने कहा इसे दूसरा डॉक्टर देखेगा न्यूरो सर्जरी बाला दूसरे डॉक्टर के पास गये तो पता चला बो सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को बैठते है आज शनिवार है घर जाना ठीक नही है इसलिए यही रुक गये कई लोग रुके थे सब रोड पर ही सो रहे हमारी तरह आज रविवार आ गया वक़्त नही कट रहा था इसलिए मै और छोटे बाहर घूमने चले गये शिव और उसके पिता हॉस्पिटल के बाहर ही रुके रहे |

सोमवार को शिव को दिखाया तो डॉक्टर ने मना कर दिया और ग्वालियर दिखाने को कहा हॉस्पिटल मे जाकर पता चला कितने लोग परेशान है कोई रो रहा तो कोई लाइन मे लगा हुआ है लिफ्ट भरी हुई है पर्चे की लाइन, डॉक्टर से अपोर्मेंट् की लाइन, कोई जाँच करनी है तो उसकी लाइन, गरीब आदमी कर भी तो क्या सकता है उसके पास लास्ट ऑप्सन यही है लाइन मे लगने का, खाना तक नही खाया लोगो ने लाइन मे आगे लगने के लिए पर क्या करे मजबूरी है जिसकी डॉक्टर से पहचान है उसका काम जल्दी हो रहा था ऐसे कई लोगो को मैंने वहाँ देखा जो आये और डॉक्टर को दिखा कर चले गए गरीब बिचारा लाइन में ही लगा रहा खैर हमें तो ग्वालियर जाने को कह दिया अब, 

करीब 11:35 समय हो रहा है निकल रहे घर के लिए, घर पहुँचकर ग्वालियर जायेगे शिव को लेकर लखनऊ पर 2 स्टेशन है एक NR और एक NER हम लोग NR पर है 1 बजे की ट्रेन छुट गयी क्योंकि शिव चल नही पाता और भीड़ बहुत थी इसलिए ट्रैन में चढ़ नहीं पाए, दूसरी ट्रेन 4:40 की है लेकिन बो NER स्टेशन पर खड़ी थी हम लोगो को पता नहीं था कि दो स्टेशन है इसलिए आखरी वक़्त पर पता चला कि NER स्टेशन अलग है और जिस पर हम बैठे है बो NR है  पास मे ही है लेकिन शिव को उठाकर भागना पड़ा क्योंकि ट्रेन निकलने ही बाली थी  |

मै पहुँच गया जल्दी सामान लेकर ट्रैन खड़ी है शिव अभी भी दूर है जब तक शिव आया ट्रेन चलने लगी मैं उदास होकर बैठ गया क्यूंकि इसके बाद बाली ट्रैन NR स्टेशन पर आनी थी शिव को लेकर शिव के पिता दोड़ रहे थे तभी जो ट्रेन के पीछे रहते शायद TC या गॉर्ड उन्होंने देख लिया और ट्रेन खीच दी ट्रैन रुक गयी हम लोग फिर भागे ट्रैन कि तरफ और फिर शिव को ट्रेन मे चड़ाया सभी सीट भरी हुई है सबने देख लिया की शिव चल नही सकता सीट मांगने कि कोशिस कि लेकिन किसी ने सीट नही दी शिव को वही बेग रख कर उसी पर बैठा दिया | Traveling Story

कुछ देर बाद करीब 1 घण्टे बाद कानपुर स्टेशन आया तब कुछ लोग उतरे और शिव को सीट मिली एक लड़की और उसकी बुआ आमने सामने बाली सीट पर बैठे है लड़की ने बुआ कहकर बुलाया इसलिए मुझे पता है कि वह उनकी बुआ है उन्होंने भी देख लिया था लेकिन किसी मे भी इंसानियत नही है यहाँ वह लड़की और उसकी बुआ दोनों फोन चला रहे लड़की किसी से इंस्टाग्राम पर बात कर रही और बुआ Whatspp पर और हाल ही चैट Delete करते जा रही मै बगल मे ही खडा इसलिए मुझे दिख रहा था 

कुछ देर मे गोविंदपुरी आया वहाँ और खाली हुई तो हम सबको भी सीट मिल गयी कुछ लोग चढ़े भी, जिस डिब्बे में हम लोग बैठे है शायद ये डिब्बा लेडीज के लिए है क्यूंकि इसमें केवल 20 सीट है निचे, और 4 ऊपर लेटने के लिए,  मे और छोटे ऊपर बाली सीट है शिव के पिता शिव के बगल में बैठ हुए है,

इसे भी पढ़े – अभिषेक की कहानी sad love story

तीन लोग ऊपर बाली सीट पर बैठे है मेरे सामने सारे गुटखा खा रहे है और बिज़नेस की बाते कर रहे है आपस मे, शिव के पिता टॉयलेट गए बापस आये तो उनकी सीट 2 लड़को ने घेर ली थी छोटे ने कहा हटा दो लेकिन सरीफ व्यक्ति है और इशारे में कहा बैठे रहने दो और खुद खड़े रहे थके हारे कुछ देर मे छोटे सो गया मै बैठा हूँ शिव भी नीचे बैठा है सोच रहा था शायद कुछ थोड़ा मेरी तरफ देखता और फिर नजरे नीचे कर लेता,

बगल बाली पाली मे भी काफी लोग है कुछ फोन मे ही घुसे थे और कुछ आपस मे बाते करके जोर – जोर से हँस रहे थे और मेरे सामने बैठे लड़के उनमे से एक के बाल लाल, गले मे मोटी ज़ंजीर और तोलिया डाले सांति से गुटखा का आनंद ले रहा है नीचे बाली लड़की अब फोन नही चला रही है  लेकिन उसकी बुआ अभी भी फोन ही चला रही थी नीचे एक दादा जी बैठे है जो CID देख रहे थे उनका पहली बार फोन आया तो जल्दी से बात की और कहा हाँ बस थोड़ी देर मे आ जायेगे और काट दिया उसके बाद 4,5 बार उनका फोन आया लेकिन उन्होंने फोन काट दिया दादा जी कान के पास फोन रख के अपना CID  देख रहे थे और मै बैठा लिख रहा हूँ,

काफी शोर हो रहा है सभी आपस मे बात कर रहे है शिव को भी नींद आने लगी थी पलके झपका रहा था लेकिन उसके पिता ने उठा दिया क्योंकि बो गिर रहा था और बगल बैठे लोगो को प्रोबलम हो रही है  मैंने दुबारा नीचे देखा तो बो लड़की और उसकी बुआ दोनो फोन ही चला रही है बगल बाला भाई जोर जोर से फोन पर बात कर रहा है थोड़ी देर मे पोखरायन  स्टेशन आने बाला है दादा जी को आबाज नही आ रही थी शोर की बजह से तो किसी ने उनको इयरफोन देदी अब बो आराम से CID देख पा रहे है |

पीछे वाली पाली में दो बच्चे खेल रहे है, एक दादी उन्हे खिला रही है बहुत सुंदर है दोनो बच्चे छोटी बाली लड़की तो बहुत खुबशुरत है किसी के मोजे से बहुत बदबु आ रही है छोटे सो चुका है शिव को नींद आ रही है फिर मैंने भैया को हटाया और शिव के पिता को सीट दिलाई और उन्हे बैठाया ताकि शिव को पकड़ सके और बो सो सके,

एक लड़का उस लड़की को देख रहा है लेकिन बो कभी कॉल पर तो कभी इंस्टाग्राम पर बाते कर रही है और बुआ का ध्यान अपने फोन पर है सब सही है, सभी लोगो मे शायद मैंने ही सबको नोटिस किया पोखरायन स्टेशन आ गया है कोई उतरा नही दादा जी का एपिसोड खतम हो गया है और अब बो बैठकर एक दूसरे से बाते कर रहे है शिव भी नहीं सोया और फोन मे अपने पापा के साथ ट्रेन का स्टेट्स चैक कर रहा था

कल्पी स्टेशन आ गया है दादा जी उतर गए और भी कुछ लोग उतरे और कई नये लोग चड़े भी है लड़की सोने की कोशिस कर रही है लेकिन उसके मैसेजो ने उसे सोने नही दिया बुआ जी Whatspp  पर चैट करके हाल ही डिलीट करती जा रही है शादी सुदा है शायद अपने हस्बैंड से कर रही हो लेकिन चैट डिलीट क्यों करती खैर क्या करना –

Orai  स्टेशन आ गया है बो लड़की और उसकी बुआ उतर गए काफी खाली हो गयी ट्रैन पीछे सीट पर एक दादी और उनका पोता है शायद एक अंकल और 4 गुटखा बाले लड़के और 2 , 3 लोग और है बाकी खाली था पुरा डिब्बा छोटे सोते – सोते सेव और खस्ते खा रहा है उसे देख कर शिव हसने लगा और अगला स्टेशन था मोठ 8:23 हो रहे है शांति है डिब्बे मे कुछ लोग सो रहे थे

ज्यादा लोग नही बचे है मेरे नीचे बैठे एक भाई फेसबुक पर लड़कियो की profile चैक कर रहे और एक लेटकर Candy Crush खेल रहे है, अंकल जी खाना खा रहे नीचे, मुझे अपने घर का खाना याद आ रहा था अपनी मम्मी के हाथ का खाना आहा सोच कर ही पानी आ गया मुह मे ऐसा लग रहा कई सालों से घर का खाना नही मिला हो अब मै नीचे उतर गया  ट्रेन खाली है गेट के पास गया तो दोनो तरफ 2 भाई गेट के बगल मे ही बैठे  कुछ देर रुका और फिर अंदर चला गया

शिव लेटा है तो उसी के सामने बाली सीट पर बैठे गया एक भाई शाहब को विंडो पर बैठना था तो थोड़ी बहस हुई और विंडो सीट लेली भाई ने बैग रखा था सीट पर हटा नही रहे दूसरे भाई इसलिए थोड़ी बहस हो गयी दोनों भाइयो में, छोटी छोटी चीजों पर लड़ देते है लोग, रात के 9:06 का समय था मोठ स्टेशन आ चुका है ट्रेन के बाहर देखा तो काफी लोग उतर रहे है Next Station..

traveling story

9:59 हो रहे है झांसी आ चुका है सारे लोग एक एक करके उतर रहे थे ट्रेन का End था झाँसी स्टेशन हम लोग भी उतर गये और अपने घर निकल गये अब शायद कल ग्वालियर जायेगे शिव को लेकर घर जाकर मम्मी के हाथ का खाना खायगे और सोयगे आप लोग भी सो जाइये अगर रात का समय है तो Good Night….

 

 

My Second Website – https://thetopworld.com/

Leave a Reply