महेंद्र और महक की मुलाक़ात हॉस्पिटल में हुई थी और यहीं से इनके प्रेम की शुरुवात हुई । महेंद्र एक बिज़नेस मैन के परिवार से था और महक गरीब परिवार से तो आइये जानते है इनकी मोहब्बत पूरी होती है या बाकी सबकी तरह अधूरी रह जाती है –
महेंद्र और महक –
महेंद्र के दादा जी अचनाक् बीमार हो गए और फिर उन्हे पास के एक हॉस्पिटल ले गए वहाँ डॉक्टर ने उन्हे कुछ दिन भर्ती होने को कहा और फिर महेंद्र के दादा जी भर्ती हो गये महेंद्र अपने दादा जी से बेहद प्यार करता था और सभी बातें शेयर करता था और दादा जी से काफी फ्रैंक था । रात हो गयी थी दादा जी के पास महेंद्र की माँ और पापा रुके थे और उन्होंने महेंद्र को घर जाने के लिये कह दिया महेंद्र घर जाते जाते दादा जी से कहने लगा – चिल दादा जी ठीक हो आप कुछ नहीं होगा ” दादा जी मुस्कुराते हुए महेंद्र को Bye कहते है ।
सुबह महेंद्र फिर आया दादा जी को देखने । महेंद्र दादा जी के पास बैठा था तब एक नर्स दादा जी को दवाई और इंजेक्शन लगाने आई तब महेंद्र ने नर्स को देखा और देखता ही रह गया । दादा जी महेंद्र को देख रहे थे लेकिन महेंद्र आधा मुह खोले लड़की को देखे जा रहा था नर्स थोड़ा गुस्से महेंद्र को देख कर चली गयी और फिर दादा जी महेंद्र से – पसंद आ गयी क्या ” महेंद्र – कितनी सुंदर लड़की है दादा जी “ दादा जी – हाँ सुंदर तो है पसंद है तो बात कर ” महेंद्र – करना ही पड़ेगा दादा जी अब तो ” और दोनों दादा पोते हँसने लगने है ।
महेंद्र दिन भर वही रुका रहा और उस नर्स का देखता रहा । दोपहर में नर्स फिर आई, महेंद्र फिर नर्स को विलन की तरह देखने लगा, नर्स फिर से गुस्से में देख कर चली गयी । शाम को लड़की फिर आती है और महेंद्र को गुस्से में देख कर चली जाती है और फिर उसकी सिफ्ट खत्म हो जाती है और बो चली जाती है महेंद्र अपने मम्मी पापा से घर जाने को कह देता है और खुद रुक जाता है दादा जी महेंद्र से कहते है – उस लड़की के लिये रुका है ना” महेंद्र – दोनों के लिए दादा जी ।
और फिर बहुत देर तक महेंद्र उस लड़की को देखता है लेकिन वह कही नहीं दिखती और फिर दादा जी को दवा देने दूसरी नर्स आती है तो महेंद्र उनसे पूछता है और कहता है – सुनिये सिस्टर आपसे पहले जो नर्स थी वह कहा गयी ” सिस्टर – उनकी सिफ्ट खतम हो गयी है और बो घर चली गयी ” दादा जी सुनकर हँसने लगते है और कहते है – तेरा तो पोपट हो गया ” और फिर थोड़ी देर बाद महेंद्र और दादा जी खाना खा कर थोड़ी बाटे करते है और सो जाते है ।
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सुबह महेंद्र फिर से लड़की का इंतज़ार करने लगता है और इधर – उधर देखने लगा लेकिन बो लड़की नहीं दिखती । काफी देर तक रुकने के बाद करीब दस बजे आई वह लड़की, महेंद्र फिर उसे को देखने लगा और फिर घर जाकर कुछ घण्टो बाद फिर आ गया महेंद्र उसे देखता और वह गुस्से में महेंद्र को देखती । ऐसे ही चलता रहा करीब 15 दिन तक उसके बाद दादा जी की छुट्टी होने को आई महेंद्र उदास था की अब वह उस लड़की को नहीं देख पायेगा, दादा जी ने महेंद्र के चेहरे की तरफ देखा तो दादा जी समझ गए कि ये उदास क्यों है ।
छुट्टी होने से कुछ देर पहले दादा जी ने महेंद्र से कहा – बोल दे अगर प्यार है और अच्छी लगती है तो “ महेंद्र – दादा जी मना कर दिया फिर ” दादा जी – ये मत सोच और जा कर बात कर ” महेंद्र ने हिम्मत करके लड़की से बात करने के लिए गया नर्स सामने ही एक कुर्सी पर बैठी फोन चला रही थी महेंद्र उसके पास गया और कहा – सुनिये मुझे कुछ बात करनी थी आपसे ” नर्स गुस्से में – हाँ बोलो ” महेंद्र – बुरा मत मानियेगा मुझे आप बहुत पसंद हो क्या हम दोस्त बन सकते है ।
लड़की नहीं कहकर कर गुस्से में उठकर चली जाती है और फिर महेंद्र दादा जी के पास जाता है और उन्हे बताता है दादा जी मुस्कुराते हुए कहते है – लड़की की ना में ही उसकी हाँ छिपी होती है ” महेंद्र को ज्यादा समझ तो नहीं आता लेकिन खुश हो जाता है और फिर छुट्टी हो जाती है और फिर से महेंद्र आखिरी बार उस लड़की से मिलने जाता है और कहता है – देखो आप गलत मत समझो पता नहीं हम फिर मिले ना मिले इसलिए प्लीज कोई तो कांटेक्ट देदो उसके बाद तुम्हारा दिल करे तो करना बात बरना मत करना” लड़की सोचती है थोड़ी देर, और फिर महेंद्र उदास होकर जाने लगता है,
लेकिन पीछे से आवाज़ आती है – सुनो फोन दो अपना ” महेंद्र खुश हो कर फोन देता है लड़की अपनी इंस्टाग्राम ID दे देती है और फिर मुस्कुराते हुए वहाँ से चली जाती है महेंद्र ID में नाम पढ़ता है और लड़की का नाम महक था उसके बाद महेंद्र दादा जी के पास भाग कर जाता है और इशारे में अंगूठा दिखा कर Done कहता है, दादा जी और महेंद्र खुश हो जाते है और फिर घर चले जाते है ।
महेंद्र घर पहुँचकर ही महक को मैसेज करता है और रिप्लाई आने का इंतज़ार करता है लेकिन रिप्लाई नहीं आता है महेंद्र को लगता है की महक ने उसे सीरियस नहीं लिया इसलिए महेंद्र बहुत सारे मैसेज कर देता है लेकिन किसी का रिप्लाई नहीं आया । महेंद्र उदास होकर सो जाता है फिर रात में 10 बजे के बाद महक का मैसेज आता है, महेंद्र नोटिफिकेशन देखता है और हाल रिप्लाई देते हुए कहता है – अभी रिप्लाई दिया आपने ” महक – आपने इतने मैसेज कर दिये मैं बुजी थी हॉस्पिटल में ” महेंद्र – अच्छा ठीक है” और फिर उस रात करीब 2 से 2.5 बजे तक महेंद्र ने महक से बात की महक को महेंद्र से बात करके अच्छा लगा ।
धीरे – धीरे ऐसे ही रोज़ बात होने लगती है और काफी दिन गुज़र जाते है दोनों में अच्छी दोस्ती हो जाती है और करीब 3 महीने बाद महेंद्र महक से पूछता है – आपका बॉयफ्रेंड है क्या?” महक मज़ाक करते हुए कह देती है – हाँ है ” महेंद्र का मूड ऑफ हो जाता है और महेंद्र बात में बात करते है कहकर फोन रख देता है महेंद्र सोचने लगता है कि क्या क्या सोच लिया था मैंने तो सब चकना चूर हो गया, महक के बहुत सारे मैसेज आते है लेकिन महेंद्र उन्हे देख कर कोई रिप्लाई नहीं देता,
इसलिए फिर महक ने सच बताया और कहा – मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है ” महेंद्र बहुत सीरियस हो गया था और उसी वक़्त महेंद्र ने महक से बोल दिया – तो फिर मुझे अपना बॉयफ्रेंड बना लो ” महक – अच्छा “ महेंद्र – मैं मज़ाक नहीं कर रहा सीरियस हूँ बहुत और अगर नहीं करती मुझसे प्यार तो ब्लॉक करके नंबर डिलीट करदो, महक को ऐसा सुनकर गुस्सा आ गया और महक ने महेंद्र को ब्लॉक कर दिया ।
महेंद्र उदास हो गया और महक को भी बुरा लग रहा था महेंद्र से बात किये बिना , महेंद्र देखता रहा कि महक उसे अनब्लॉक करेगी लेकिन दिनभर गुज़र जाता है और फिर रात को 10 बजे के बाद महक को अनब्लॉक कर देती है लेकिन मैसेज नहीं करती, महेंद्र भी देख लेता है कि महक ने अनब्लॉक कर दिया और दोनों ऑनलाइन होकर एक दूसरे को देख रहे और सोच रहे की पहले मैसेज करे । कुछ देर बाद दोनों ने साथ में मैसेज किया – सॉरी ।
महक ने महेंद्र से वीडियो कॉल करने को कहा, महेंद्र ने महक को वीडियो कॉल की और एक दूसरे को देखा महक ने कुछ देर बाद कहा – जो बोलना अब बोलो “महेंद्र बेझिझक अपने दिल की बात बोल देता है महक खुश हो जाती है और महेंद्र को I Love You कहती है । महेंद्र सुनकर खुश हो जाता है और महेंद्र दादा जी को बताता है और कहता है – दादा जी शादी करबा देना हमारी ” दादा जी – हाँ करबा दुगा मेरे बच्चे ” कुछ महीने बाद महेंद्र महक से एक रेस्टोरेंट में मिलने गया और फिर हर महीने मिलने लगे दोनों और उसके बाद हर हफ्ते भी महेंद्र और महक का मिलना हो जाता था दोनों ने एक दूसरे की इतनी आदत डाल ली थी कि एक दूसरे के बिना रह नहीं पते थे ।
ऐसे ही चलता रहा और फिर 2, 3 साल बाद दोनों ने तय किया कि घर पर शादी के लिए बात करते है लेकिन महेंद्र शादी कि बात करे उससे पहले दादा जी कि तबियत ख़राब हो गयी और इस बार दादा जी महेंद्र को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए । फिर महेंद्र थोड़ा उदास सा रहने लगा, कुछ दिनों बाद महेंद्र ने और महक ने अपने घर पर बताया एक दूसरे के बारे में और फिर महक के पिता महेंद्र से मिले और उन्होंने ने हाँ कह दिया ।
लेकिन महेंद्र के मम्मी पापा नहीं माने क्यूंकि महक गरीब परिवार से थी । महेंद्र ने ज्यादा बहस नहीं की उस वक़्त उसे अपने दादा जी की याद आई बो होते तो शादी करबा देते । महेंद्र महक से मिलने गया और उससे कहा – मेरे घर बाले नहीं मान रहे सॉरी ” महक – सॉरी क्यों बोल रहे तो ” महेंद्र – मैं अपने मम्मी पापा को जनता हूँ बो किसी भी कीमत पर ये शादी नहीं होने देंगे “ महक गुस्से में कहती है – तो मतलव शादी नहीं करोगे ” महेंद्र चिल्ला कर जबाब देता है – अभी बोला ना की मम्मी पापा नहीं मानेगे सुनाई नहीं देता क्या एक बार में ”
महक – तो क्यों किया प्यार मुझसे ” महेंद्र – दादा जी होते तो करबा देते लेकिन अब बो नहीं है इसलिए भूल जाओ सब ” महक रोने लगती है और मर जायेगे कल तक ऐसा कहकर चली जाती है । महेंद्र अपने दादा जी को बहुत मिस कर रहा था । महेंद्र घर जाकर एक बार और बात करता है अपने घर में लेकिन कोई नहीं मानता इसलिए महेंद्र महक को फ़ोन करता है और कल कोर्ट में मिलने को कहता है ।
अगले दिन अपने दोस्तों और महक के मम्मी पापा के सामने दोनों कोर्ट में जाकर शादी कर लेते है जब महेंद्र घर जाता है महक को लेकर तो उसके पापा उसे दरवाजे से ही निकल देते है और अपनी जायदाद से बेदखल कर देते है । महेंद्र बिना कुछ बोले चला जाता है और अब महेंद्र और महक किराये से रहते है और महेंद्र एक प्राइवेट जॉब करता है ।
ये थी महेंद्र और महक की कहानी उम्मीद है आपको पसंद आयी होगी और यदि आपकी कोई राये है तो आप कमेंट में बता सकते है धन्यवाद ।
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