शाम हो गयी थी ऑफिस से घर आया वेल बजाई तो देखा ( love story ) एक लड़की गेट खोलने आती है इतनी खूबसूरत लड़की मैंने पहली बार देखी मेरी नज़र उस पर हट ही नही रही थी और फिर वह अंदर चली गयी मैंने गाड़ी रख कर मम्मी से पूछा कोई लड़की आयी थी गेट खोलने कौन थी
मम्मी ने कहा अपने नये किरायेदार है किराये पर कमरा दे दिया छोटी बहन मुझे देख कर हस रही थी और मम्मी से कह रही भैया को पसंद आ गयी मम्मी मैंने छुटकी को डांट कर कहा मार खायगी वैसे मेरा नाम शिवम है ।
अगले दिन ऑफिस से जल्दी आ गया दरवाजे पर नज़र थी लेकिन इस बार दरबाजा छुटकी ने खोला शांम का समय था छत पर टेहल रहा था सोच ही रहा था कही से दिख जाये और वह सामने से आ रही थी कपड़े उठाने मेरी तो नज़र ही नही हट रही थी ( love story )
रोज़ में ऑफिस से जल्दी आ जाता उसे देखने दिल मे बहुत उत्सुकुता है उसका नाम जानने सामने ही है पूछ लू क्या नाम तभी नीचे से आबाज आती शिवानी जल्दी आओ क्या कर रही उसकी मम्मी उसे बुला रही थी चलो नाम तो पता चल गया शिवानी।
शिवानी को देखने रोज़ ही छत पर जाने लगा और उसका इंतज़ार करता काफी महीने ऐसे ही निकल गये मेरा दिल कहता है कि वह भी मुझे पसन्द करती है मुझे देखती है हँसती भी है लेकिन कुछ बात नहीं करती शायद मुझे ही बात करनी पड़ेगी
कैसे होगी बात – love story
एक दिन काफी देर तक इंतज़ार करता रहा लेकिन वो आयी नही शायद पहले ही कपड़े उठा ले गयी होगी उस दिन मन कुज अच्छा नही था ना ही कुछ अच्छा लग रहा था एक दिन उसे नही देखा तो ये हालत हो गयी थी सोच लिया था मैंने कि ज़िंदगी उसी के साथ बितानी है ।
अगले दिन यही सोचता के आज बात करुगा लेकिन जब वो सामने आती तो उसे देखता ही रह जाता और सोचता तुम्हारे बिना रहना अब मुश्किल है खुद को तुम्हारे बिना सोचता हूँ तो सारा शरीर झन झना जाता है
आज भी बात नही कर पाया ( love story )
अगले दिन ऑफिस से घर आ रहा था ट्रैफिक लाइट थी तो रुक गया एक छोटा सा लड़का आया उसके हाथ मे बहुत सारे गुलाब के फूल थे लड़का मेरे पास आया और बोला भैया लेलो 20 रुपए का है लेलो भैया मैंने उससे एक गुलाब का फूल खरीद लिया और सोच लिया के आज अपने दिल की बात शिवानी से करके ही रहुंगा ।
दिल की बात – love story
जैसे ही घर पहुँचा वेल बजाई तो दरबाजा खुला सामने देखा तो शिवानी थी वो मुझे ही देख रही थी जैसे मेरे आने का इतज़ार कर रही हो उसकी आँखे कुछ कहने की कोशिस कर रही थी छोटी सी मुस्कान थी उसके चेहरे पर और वह छत पर चली गयी
मैं भी जल्दी गाड़ी रख कर कपड़े बदल कर छत पर गया ( love story ) आज वो मुझसे पहले पहुँच चुकी थी मैंने ज्यादा कुछ सोचा नही और गुलाब का फूल उसे दिया और कहा शिवानी मुझे तुम बहुत ज्यादा पसंद हो सामने से उसने गुलाब का फूल लिया और कहा हमे भी आप बहुत पसन्द है पर हमें गर्लफ्रेंड नहीं बनना पत्नी बनना आपकी मेरा दिल अब हवाओ मे उड़ रहा था इतनी खुशी हो रही थी कि नाचने को दिल कर रहा था
मैंने उसे गले से लगाकर बोला पत्नी ही बनायगे और फिर वो चली गयी मैं नाच रहा था बहुत खुश था रोज़ ऑफिस से जल्दी आकर उससे छुप – छुप कर मिलना दिनभर उसी के बारे मे सोचना अच्छा लगने लगा था
काफी दिन गुजरते गये आधी रात को मिलने लगे एक दूसरे से अटुट प्यार करने लगे थे एक दिन शिवानी की मम्मी ने हमें साथ मे देख लिया शिवानी की मम्मी ने शिवानी को बहुत मारा और मुझसे मिलने को मना किया
बिछड़ना – love story
अगले ही दिन उसकी मम्मी ने दूसरी जगह कमरा ले लिया शिवानी की मम्मी ने किसी से कुछ नही बोला उस रात के बारे मे शिवानी से दूर नही रह सकता में इसलिए मैंने मम्मी को सब कुछ बता दिया और शादी के लिये कहा शिवानी ने भी अपनी मम्मी से शादी के लिए बोला लेकिन उसकी मम्मी को ये रिस्ता मंजूर नही था
दिल टूट गया था ऑफिस से जल्दी आने का मन नही करता था दरवाजे पर सन्नाटा सा छा गया था छत वीरान हो गयी थी शिवानी के बिना ये ज़िंदगी अधूरी सी लगने लगी थी ( love story )
अधूरी प्रेम कहानी – love story
कुछ दिनों बाद फोन आया ये फोन शिवानी की मम्मी का था वो रो रही थी और मुझसे कहा बेटा हॉस्पिटल आ जाओ जल्दी मेरा दिल बहुत घबरा रहा था डर लग रहा था बहुत भाग कर हॉस्पिटल पहुँचा
वहाँ शिवानी icu मे थी शिवानी की मम्मी ने रोते हुए कहा आज उसे लड़के बाले देखने आ रहे थे उनके आने से पहले ही जहर खा लिया माफ करदो बेटा वो तुम्हारे साथ ही शादी करेगी मेरा हाथ पर जम गए थे कुछ समझ नही आ रहा था बस दुआ कर रहा था शिवानी ठीक हो जाये
कुछ घंटो बाद डॉक्टर जी icu से बाहर आये और कहा अब शिवानी खतरे से बाहर है डॉक्टर जी को धन्यवाद दिया और हाथ जोड़ लिये उनके सामने और रोने लगा शिवानी से मिलने गया और कहा उससे सब मान गये चिंता मत करो शादी करेगे जल्दी ठीक हो जाओ ( love story )
एक महीने बाद,…. ( शादी) – love story
शिवानी का परिवार हमारा परिवार सब खुश है शिवानी की मम्मी को अफसोस था के पहले ही मान जाना चाहिए था
आज हमारी शादी है शिवानी और मैं बहुत खुश हूँ अब फिर से रोज़ ऑफिस से घर जाने के लिए इंतज़ार करता हूँ शिवानी दरवाजा खोलने का इंतज़ार करती है और एक दूसरे को देख कर जो खुशी मिलती है अब शिवानी मेरी है किसी से लड़ने की जरूरत नही है उसे पाने के लिए सोचकर अच्छा लगता है ।