B23 – शक और डाइवोर्स – Love Story In Hindi भाग -1

Love Story In Hindi आज डाइवोर्स  का दिन आज मयंक और नेहा  दोनों हमेशा के लिए अलग हो जायेगे। (Love Story In Hindi) मयंक और नेहा की लव मैरेज हुई थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि बात डाइवोर्स तक आ गयी (Love Story In Hindi) जानने के लिए पढ़िए हमारी ये Love Story In Hindi – शक और डाइवोर्स भाग -1 – Love Story In Hindi  

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पहली मुलाक़ात – Love Story In Hindi

पहली बार मयंक नेहा से 2016 में मिला था मयंक अपनी मौसी के घर आया था सुरेंद्र की शादी में सुरेन्द्र मयंक की मौसी का बेटा था और मयंक का काफी अच्छा दोस्त भी था मयंक करीब 15 दिन पहले ही चला गया था । वहाँ मयंक की मुलाक़ात नेहा से हुई नेहा भी पहले से आई थी नेहा सुरेन्द्र की भाभी की बहन थी और मयंक सुरेन्द्र के भाई की शादी में छोटा था इसलिए मयंक नेहा से पहली बार मिल रहा था कोई रश्म हो रही थी तब नेहा सज सबर के आई और सुरेन्द्र से बातें करने लगी तब सुरेन्द्र ने मयंक की पहचान नेहा से करवाई।

नेहा ने मयंक को हेल्लो बोला और अपना नाम नेहा बताया , मयंक ने भी हेल्लो बोलकर अपना नाम बताया । नेहा मयंक को अच्छी लगी तो मयंक ने सुरेन्द्र से कहा – ये कौन है भाई बड़ी सुंदर है ” तो सुरेन्द्र ने बताया कि ये अपने बड़े भैया की साली है “ मयंक ने उस वक़्त बस ऐसे ही मज़ाक मस्ती करने का सोचा और नेहा से बात करने लगा कुछ ही दिनों में मयंक और नेहा की अच्छी दोस्ती हो गयी । 15 दिन कब निकल गये पता ही नहीं चला मयंक और नेहा की धीर – धीरे इतनी गहरी दोस्ती हो गयी और नेहा अंदर – अंदर मयंक को पसंद करने लगी थी ।

हल्दी बाला दिन – Love Story In Hindi

हल्दी बाला दिन था और बहुत से रिस्तेदार आते जा रहे थे शाम को हल्दी का प्रोग्राम हुआ तब एक वही की लड़की ने मज़ाक – मज़ाक में मयंक हल्दी लगा दी ये देख कर नेहा वहा से गुस्से में सुरेन्द्र को बिना हल्दी लगाये ही चली गयी मयंक ने इसारे में सुरेन्द्र से पूछा – इसे क्या हो गया “ सुरेन्द्र ने इशारो में कहा – पता नहीं ” फिर मयंक नेहा के पास गया और उससे पूछा – क्या हो गया तुम्हे हल्दी लगाये बिना ही चली आई ” नेहा – कुछ नहीं ऐसे ही ” नेहा मयंक से प्यार करने लगी थी और उसे जलन हो रही थी । यही से नेहा के शक की शुरुवात भी हो चुकी थी ।

बारात के दिन सब बारात में गये सब खुश थे नेहा ने डांस भी किया बहुत लेकिन फिर जब स्टेज पर सुरेन्द्र की सालिया आई तो उनके साथ मयंक और सभी दोस्तो ने मज़ाक करना चालू कर दिया सबसे ज्यादा मयंक ही मज़ाक कर रहा था तो नेहा को ये भी अच्छा नहीं लग रहा था रात भर मयंक सुरेन्द्र के पास बैठा रहा और लड़कियाँ भी वही थी तो मज़ाक होता रहा नेहा सब देख रही थी । मयंक का शोभाव ही ऐसा था बो सबसे मज़ाक करता रहता था इसलिए फिर सुबह जब जूते लेने की रसम हुई तब भी काफी मज़ाक हुआ और उस वक़्त नेहा को गुस्सा आया और नेहा ने मयंक का हाथ पकड़ा और खीच के लॉज के बाहर ले गयी।

मयंक को उस वक़्त ये लगा कि कोई काम होगा लेकिन जब नेहा ने बोला – I Love You और जितना तुम मज़ाक कर रहे बो देख कर मुझे जलन हो रही ” मयंक मुस्कुराने लगा और  मयंक को भी नेहा अच्छी लगती थी इसलिए मयंक ने हाँ कह दिया । उसके बाद विदा हुई और अगले दिन मयंक और नेहा भी अपने – अपने घर चले गये। फोन नंबर ले लिया और दोनों फोन पर बातें करने लगे थे नेहा ने घर पहुँचते ही कहा – अच्छा नहीं लग रहा याद आ रही तुम्हारी बहुत ” मयंक ने भी नेहा से कहा – मुझे भी याद आ रही है।

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कुछ दिन ही बात की और नेहा ने मिलने को कहा । मयंक का घर नेहा के घर से 60km दूर होगा लेकिन मयंक नेहा से मिलने अपनी बाइक से चला गया वहा मयंक और नेहा एक पार्क में मिले और नेहा ने मयंक को गले लगाया और जब मयंक ने नेहा को देखा तो उसके आँखो में आँसू थे उस वक़्त मयंक को खुशी हुई कि नेहा उससे इतने कम दिनों में ही इतना प्यार करने लगी है, करीब 2 घण्टे नेहा और मयंक ने बातें की और घूमे उसके बाद मयंक घर के लिए निकल आया ।

करीब 3 साल तक ऐसे ही मिलते रहे मयंक और नेहा कॉलेज बंक करके कभी घर में झूठ बोलकर । दोनों ने तय किया था की पढाई पूरी होते ही शादी कर लेगे और फिर 2019 जून के महीने में शादी के लिये दोनों ने घर में बात की । नेहा को अपने मम्मी पापा को मनाने में थोड़ी प्रॉब्लम आई लेकिन मयंक का परिवार मान गया था मगर नेहा को अपने पापा को मनाने में 6,7 महीने लग गये और फिर जब 2020 में मयंक की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सरकारी बैंक में नोकरी लग गयी तो नेहा के पापा मान गये ।

शक और लड़ाई – Love Story In Hindi

करीब 3 महीने में नेहा और मयंक की शादी हो गयी बड़ी धूम धाम से शादी हुई नेहा बहुत खुश थी शादी के 1 महीने बाद नेहा की पहली लड़ाई होती है मयंक से, पड़ोस की एक लड़की थी रियारिया मयंक से बहुत मज़ाक करती थी रविवार को मयंक के मम्मी पापा गांव गये और घर में नेहा और मयंक थे मयंक होल में ही बैठा था और फिर रिया आयी । रिया जैसे ही आई मयंक के गले में हाथ डाल के कहने लगी – और मन्कु बेटा शादी हो गयी तो मुझसे मिलने का वक़्त नहीं है ” मयंक हस्ता है और रिया का हाथ मरोड़ देता है रिया चिल्लाती है और कहती है – छोड़ कुत्ते छोड़ लग रही है”

और फिर रिया मयंक से बातें करने लगती है और सुहागरात के बारे में पूछती है । नेहा किचन में खड़ी सब सुन रही थी और बहुत गुस्से में थी थोड़ी देर बाद जब रिया चली गयी तब नेहा मयंक से कहती है – तुम्हारी एक्स गर्लफ्रेंड है क्या ये ” मयंक – नहीं तो दोस्त है बेस्ट फ्रेंड ” नेहा – इतनी बेस्ट है कि गले में हाथ डाल रही सुहागरात के बारे में पूछ रही ” मयंक – अरे हम दोनों में चलता रहता हसीं मज़ाक अच्छी लड़की है ” नेहा गुस्से में चिल्ला कर कहती है – तो जब इतना मज़ाक चलता तो सोये भी होगे उसके साथ ” मयंक – पागल हो क्या ऐसे क्यों बोल रही और ये गुस्सा किस बात का दिखा रही “

नेहा फिर चिल्ला कर ही बोलती है मयंक समझाता रहा कि वह केवल दोस्त है लेकिन नेहा उल्टा सीधा बोले जा रही थी और फिर मयंक भी गुस्से में कह देता है – अगर अब चिल्लाई या ऊँची आवाज़ में बात भी की तो मुह तोड़ दुगा तेरा ” और फिर मयंक बाहर चला जाता है । नेहा कमरे में जाकर रोने लगती है और उल्टा सीधा सोचने लगती है ( कि उसके लिए तुम्हारा से तेरा करने लगे और मारने की कह रहे गर्लफ्रेंड होगी तभी बुरा लग गया) ऐसा उल्टा सीधा सोचकर नेहा और रोने लगती है । रात हो जाती है और मयंक घर पर आता है पूरे घर में अंधेरा था मयंक आवाज़ लगते हुए – नेहा, नेहा ” कमरे में गया मयंक ने लाइट ऑन की नेहा बेड पर लेटी रो रही थी ।

मयंक नेहा को उठाता है लेकिन नेहा नहीं उठती फिर मयंक नेहा के पास जाता है और कहता है – सोर्री मैंने बहुत गलत बोल दिया तुमसे और तुम इतनी नाराज़ हो जाओगी ये नहीं सोचा था चलो उठ जाओ और मुह धो लो भूख लग रही है बहुत ” नेहा उठ जाती है और खाना बनाकर मयंक को खाना देती है और बिना बात किये लेट जाती है । मयंक पूछता है – तुम्हे नहीं खाना सुबह से कुछ नहीं खाया ” नेहा कोई जबाव नहीं देती मयंक थाली कमरे में लेकर जाता है और नेहा को उठाकर खाना खिलाता है ।

लेकिन नेहा एक दो निबाला खा कर कह देती है अब नहीं खाना और लेट जाती है और फिर मयंक – सोर्री कह रहा मैं इतना बुरा क्यों मान रही क्या अब मैं तुम्हे डाट भी सकता ” नेहा फिर भी कोई जबाब नहीं देती है मयंक – ठीक है मत बोलो मुझे भी नहीं खाना ये रखा तुम्हारा खाना ” इतना कहकर मयंक भी लेट जाता है नेहा सोचती रहती है और फिर थोड़ी देर बाद उठकर मयंक से खाना खाने को कहती है ।

मयंक – तुम खाओगी तभी मैं खाऊगा ” नेहा किचन में जाती है और अपने लिए दूसरी थाली लेकर आती है और फिर मयंक को थाली देकर खाना खाने लगती है, खाना खाने के बाद नेहा लेट जाती है मयंक नेहा से प्यार करने की कोशिस करता है लेकिन नेहा मयंक से दूर हटती है और फिर थोड़ी देर बाद सोफे पर जाकर लेट जाती है, मयंक गुस्से में फिर कह देता है – अब तुम रोज़ सोफे पर ही सोना अकेले ” इतना कहकर मयंक सो जाता है लेकिन नेहा जागती रहती और सुबह देर तक सोती रहती है ।

मयंक सुबह बिना नास्ता और टिफिन के बैंक चला जाता है नेहा करीब सुबह 11 बजे उठती है और देखती है मयंक बैंक चला गया बिना कुछ खाये पिये तो मयंक को फोन करके खाना खाने बुलाती है लेकिन मयंक यही पर कुछ खा लुगा ये कहकर फ़ोन रख देता है, नेहा रिया के बारे में कुछ दिन में भूल जाती है लेकिन रिया अगले रविवार को फिर आती है और मज़ाक करने लगती है लेकिन मयंक नेहा को देखता है और रिया से ज्यादा बात नहीं करता लेकिन रिया बार – बार मयंक का हाथ पकड़ रही थी ।

और फिर नेहा रिया से गुस्से में कहती है – अच्छा लग रहा तुझे हाथ पकड़ना बार बार कमरे तक छोड़ आये सो जाओ उसके साथ ” रिया मयंक से – ये क्या कह रही ” मयंक रिया से घर जाने को कहता है लेकिन नेहा गुस्से में फिर रिया को गाली देने लगती है और यहाँ दुबारा ना आये ऐसा कहकर घर से जाने को कहती है, रिया रोने लगती है और वहाँ से चली जाती है, मयंक नेहा को देखता है और कहता है – अच्छा लग रहा तुम्हे खुश हो अब रुला दिया उसे ” नेहा – क्यों आ जाती हर रविवार को वैसे तो नहीं आती और उसका रोना दिख रहा ” मयंक चुप रहता है और रिया से माफी मागने चला जाता है ।

मयंक फिर वही से बाजार निकल जाता है और सीधा शाम को आता है और देखता है तो पिछले रविवार के तरह लाइट बंद करके नेहा लेटी थी मयंक जाकर नेहा से कहता है – हर बार का यही हो गया तुम्हारा मम्मी पापा आयेगे तो क्या सोचेंगे ” नेहा उठकर खाना बनाने जाने लगती है लेकिन मयंक नेहा से बात करता है और कहता है – क्या सोच रही रिया और मेरे बीच कुछ है “ नेहा गुस्से में गाली देकर कहती है – तभी तो इतनी चिपक रही थी कुतिया ” मयंक गुस्से में नेहा को मारने के लिये करता है और नेहा रोने लगती है ।

मयंक रिया को फोन करता है और बुलाता है मयंक रिया को राखी देता है और बांधने को कहता है, रिया – लेकिन हम तो दोस्त है ” मयंक – हाँ पर बांध दो बरना ये शक करती रहेगी “ रिया मयंक को राखी बांध देती है और मयंक नेहा से कहता है – अब ठीक है खुश हो या अब भी शक है कोई ” नेहा रिया से सोर्री बोलती है और खाना बनाने चली जाती है, रिया भी चली जाती है और मयंक और नेहा खाना खा कर लेट जाते तब नेहा मयंक से कहती है – सोर्री हमे बहुत गंदे गंदे खयाल आ रहे थे माफ करदो ” मयंक ठीक है कहकर नेहा को गले लगा कर सो जाता है ।

सब ठीक हो गया था और नेहा खुश रहने लगी थी लेकिन नेहा का शक करना अभी बंद नहीं हुआ था करीब 6 महीने से रिया मयंक के घर नहीं आयी और ना ही मयंक से बात की और फिर सुरेंद्र और उसकी पत्नी सुधा दोनों मयंक के घर आते है और चारो साथ में बैठकर बातें करते है उसी वक़्त सुरेंद्र हसी मज़ाक में नेहा से कहता है – नेहा ठीक है ना मयंक जयदा लड़कियों के फ़ोन तो नहीं आते इसे पहले बहुत गर्लफ्रेंड रह चुकी इसकी “ नेहा हस्ती है और मयंक को देखते हुए वहां से उठकर किचन में चली जाती है Continue…..

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