B27 – अधूरी मोहब्बत । Very Sad Love Story in Hindi

अधूरी मोहब्बत – अमित और आयशा बचपन से साथ थे अमित को बचपन से ही आयशा अच्छी लगती थी और उसे धीरे धीरे आयशा से प्यार होता गया लेकिन अमित का प्यार एक अधूरी मोहब्बत बनके रह गया । तो क्या है अमित की अधूरी मोहब्बत की कहानी आइये जानते है आखिर क्यों अमित की ये कहानी Very Sad Love Story in Hindi एक अधूरी मोहब्बत बनकर रह गयी – अधूरी मोहब्बत । Very Sad Love Story in Hindi

अधूरी मोहब्बत

अधूरी मोहब्बत

जब आयशा छोटी थी तब आयशा के पिता ने नया घर बनाया था। आयशा के घर के सामने अमित का घर था तब अमित 6 साल का होगा और आयशा करीब 4.5 साल की होगी। आयशा और अमित साथ खेलते थे और एक ही स्कूल में जाते थे दोनों बचपन से साथ बड़े हुए और अच्छे दोस्त बन गए थे। आयशा के पिता हमेशा आयशा से अमित के साथ रहने को कहते थे क्योंकि आयशा और अमित के परिवार के पड़ोसी होने के कारण अच्छे सबंध थे

धीरे – धीरे दोनों साथ बड़े हो रहे थे कब अमित को आयशा से प्यार हो गया उसे पता ही नहीं चला । जब अमित 10 बी में था तब आयशा का एक नया दोस्त बन गया था आयशा ने अमित को बताया तो अमित को जलन हुई और अमित ने उससे दोस्ती करने को मना किया। और फिर अमित ने आयशा का एक भी लड़का दोस्त नहीं बनने दिया ।

कुछ साल बाद अमित के 12 बी के एक्साम आ गए थे और आयशा के 11 बी थे । अमित को अब ये डर था कि 12th के बाद आयशा से अलग हो जायेगा इसलिए जब अमित अपना पहला पेपर देने गया तो उसने कॉपी में अपना नाम और रोल नंबर डालकर, कॉपी खाली छोड़ दी, ऐसा ही उसने हर पेपर में किया और अमित फैल हो गया। अमित के फैल होने से अमित बहुत खुश था लेकिन जब उसके पिता ने उसका रिजल्ट देखा तो सभी सब्जेक्ट्स में 0 नंबर थे ये देख कर अमित के पिता ने अमित को पिटाई लगाई ।

लेकिन इससे अमित को कोई फर्क नहीं पढ़ा बो खुश था ये सोचकर की अब बो आयशा के साथ ही पड़ेगा। एक दिन आयशा ने अमित से पूछा – तु फैल कैसे हो गया पढ़ाई तो की थी तूने ” अमित – पता नहीं ” आयशा हँसने लगी और कहने लगी – सभी सब्जेक्ट्स में जीरो नंबर किसके आते ” अमित आयशा को खुश देख कर खुद भी हसने लगा। अमित ने अभी तक आयशा को नहीं बताया था की वह उससे प्यार करता है।

अमित को लगता था कि आयशा उसके इतने क्लोज है इसलिए वह भी उससे प्यार करती है। 2 महीने बाद स्कूल स्टार्ट हुए, अमित और आयशा स्कूल जाने के लिए निकले तभी अमित के पिता गुस्से में बोले – अच्छा लग रहा दोबारा उसी क्लास में आकर ” आयशा ने अमित के पिता से कहा – अरे अंकल जी अब आप उसे सुबह से डाट क्यों रहे हो ” अमित के मम्मी पापा आयशा को अपनी बेटी जैसा मानते थे और उससे बेहद प्यार करते थे। अमित की माँ तो आयशा की माँ से कहती भी रहती थी आयशा हमारी ही बहु बनेगी।

अमित और आयशा स्कूल पहुँचे अमित को सभी चिड़ा रहे थे और हँस रहे थे लेकिन उससे अमित को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था उसे तो इस बात की खुशी थी की अब बो आयशा के साथ बैठा है। और उसके बाद पुरे साल अमित ने आयशा की दोस्ती एक भी लड़के से नहीं होने दी, कोई लड़का उससे बात भी करता तो अमित को गुस्सा आ जाता था । कई बार तो इस चक्कर में अमित की लडाई भी हुई ।

एक साल में अमित के कई झगड़े तो हुए ही और कई बार टीचर्स से और अपने पेरेंट्स से पिटाई भी हुई। इतनी कम्प्लेन हुई अमित की।और फिर एक साल निकला और आयशा अमित दोनों 12 बी अच्छे नंबरो से पास हो गये। अब आयशा ने अमित से पूछा – क्या करना तुझे अब आगे ” अमित – जो तु करेगी साथ मैं भी कर लुगा ” आयशा – मुझे BSC करना” अमित – ठीक BSC कर लेंगे ” और फिर दोनों ने एक ही कॉलेज में एड्मिशन ले लिया।

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अमित और आयशा कॉलेज जाने लगे कुछ दिन बीते और वहाँ पर नये दोस्त मिले, मगर अमित को किसी दोस्त की जरूरत नहीं थी बो आयशा के साथ खुश था लेकिन आयशा ने नये दोस्त बनाये जिससे अमित को प्रॉब्लम हुई। क्लास में एक लड़का था राज बहुत ही हैंडसम और स्मार्ट दिखता था आयशा को राज पसंद आ गया था और आयशा उसे अपना बॉयफ्रेंड बनाने की सोचने लगी थी लेकिन इस बात का पता आयशा ने अमित को नहीं चलने दिया।

कुछ दिनों बाद आयशा ने राज को प्रपोज कर दिया और राज ने भी आयशा का प्रपोज़ल एक्सेप्ट कर लिया। लेकिन अमित को इसकी भनक तक नहीं थी। मगर कुछ दिनों बाद पूरी क्लास को पता चल गया था कि आयशा राज की गर्लफ्रेंड है। एक दिन राज क्लास में ही बैठा था और दो लड़के आपस में बात कर रहे थे और दोनों बात करते करते कहने लगे कि राज की गर्लफ्रेंड आयशा है, अमित ने सुन लिया और उन दोनों से कहा – क्या बोला तुम दोनों ने अभी ” दोनों लड़को ने जबाब दिया और कहा – आयशा तेरी बेस्ट फ्रेंड राज की गर्लफ्रेंड है पूरी क्लास को पता है तुझे नहीं पता क्या “

अमित को गुस्सा आ गया और दोनों लड़को से लड़ने लगा। इतने में आयशा आई और अमित को झगड़ते देख अमित से कहने लगी – क्या हो गया क्यों लड़ रहे ” दोनों लड़के कहते है – पुछ्ले अपनी फ्रेंड से खुद ही ” अमित गुस्से में आयशा से पूछता है – राज और तुम्हारे बीच क्या है ” आयशा – सॉरी मैंने तुमसे छिपाया ” इतना सुनकर ही अमित समझ जाता है और आयशा को गुस्से में देख कर क्लास से चला गया।

अमित का दिमाग खराब हो गया था और बो सीधा राज के पास गया और उससे आयशा से दूर रहने को बोला, लेकिन राज ने भी कह दिया गर्लफ्रेंड है मेरी मैं क्यों दूर रहूँ उससे ” अमित राज से भी लड़ने लगा और राज को थप्पड़ मार दिया , राज ने भी सामने से मारा और बहुत बड़ गयी। किसी ने जाकर आयशा को बताया, आयशा भाग कर दोनों के पास पहुँची और दोनों को अलग किया और अमित से कहा – क्या हो गया तुम्हे अंदर क्लास से लड़कर आये अब यहाँ राज से लड़ने लगे ” ।

अमित ने आयशा से गुस्से में बोला – तुम इससे बात नहीं करोगी ” आयशा – क्यों ” अमित – क्योंकि मैं कह रहा मुझे नहीं पसंद ये ” आयशा – बो मेरा बॉयफ्रेंड है और मुझे पसंद है बो ” अमित – ठीक है आज तुम्हे दोनों में से किसी एक को चुनना होगा या तो तुम इससे बात करना बंद करदो या मुझसे ” आयशा – पागलो जैसी बात मत करो ” अमित गुस्से में चिल्ला कर फिर बोला – मैं या ये ” आयशा को भी गुस्सा आ गया और उसने कह दिया – ठीक है मैं नहीं छोड़ सकती राज को ” ।

अमित का जो गुरूर था कि आयशा उसके लिये कुछ भी कर सकती है बो गुरूर टूट गया था, और साथ ही अमित का दिल भी, अमित वहाँ से चला गया और रास्ते में रोने लगा। अमित ने आयशा का नंबर डिलीट कर दिया और कॉलेज जाना बंद कर दिया । दो तीन दिन बाद आयशा अमित से मिलने उसके घर गयी और अमित से बात करने की कोशिस की, अमित को सॉरी बोला, लेकिन अमित ने आयशा से ज्यादा बात नहीं की।

कुछ दिनों बाद अमित कॉलेज गया आयशा ने वहाँ भी अमित से बात करने गयी, लेकिन वहाँ भी अमित ने ठीक से बात नहीं की। धीरे – धीरे अमित और आयशा दूर हो गए और दोस्ती भी लगभग खत्म ही हो गयी थी। आयशा भी राज के साथ खुश थी इसलिए अमित आयशा को खुश देख कर आयशा से दूर ही रहा अमित समझ गया था कि किसी का प्यार जबरदस्ती नहीं पा सकते। करीब एक साल बाद आयशा अमित के पास आई रोते – रोते, अमित छत पर था आयशा छत पर जाकर उसके सामने जोर से रोने लगी और अमित को गले लगा लिया।

अमित ने आयशा से पूछा – क्या हो गया ” आयशा – आज मैंने राज को एक लड़की के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया बो मुझे धोख़ा दे रहा है ” अमित – रो मत कल बात करुगा मैं उससे ” आयशा – नहीं रहने दो मुझे नहीं करनी उससे कोई बात ” एक बार फिर अमित और आयशा की दोस्ती पहले जैसी होने लगी थी और आयशा राज से दूर रहने लगी थी। अमित को फिर लगने लगा था कि अब आयशा उसे मिल जायेगी।

इसलिए अमित देर ना करते हुए आयशा को प्रपोज़ करने का सोचा और उसे एक लव लेटर लिखा, और आयशा को देने पहुँचा । लेकिन अमित अपना लेटर आयशा को दे उससे पहले आयशा अमित से खुश होकर कहने लगी – राज आया था और उसने माफी मांगी रो रहा था बो और शादी करने को कहा ” अमित ये सुनकर आयशा से कहने लगा – तुम खुश हो ना अब ” आयशा – हाँ बहुत खुश हूँ ” अमित आयशा को झूठी हँसी दिखा कर वहाँ से चला गया और घर जाकर रोने लगा।

करीब एक महीने बाद आयशा की सगाई होती है लेकिन अमित उस दिन घर से चला जाता है और ट्रेन की पटरी किनारे बैठ कर रोता रहता है और अपने दिल को समझने कि कोशिस करता है कि उसकी किस्मत में आयशा नहीं है । एक बार फिर अमित की मोहब्बत अधूरी मोहब्बत बनकर रह जाती है । यहाँ आयशा अमित को देख रही लेकिन अमित कहीं दिखाई नहीं दिया तो आयशा अमित के रूम में गयी लेकिन अमित रूम में भी नहीं था मगर आयशा को अमित की टेबिल पर बो लेटर मिल गया जिसमे लिखा था –

” मैं तुम्हे बचपन से ही चाहता हूँ कोई तुमसे बात करे या दोस्ती करे मुझे अच्छा नहीं लगता। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ तुमसे दूर नहीं रह सकता और पता है तुम्हे 12th में भी तुम्हारे साथ पढ़ने के लिए पपेरो में कुछ नहीं लिखा था मैंने, I Love You आयशा मुझसे शादी करोगी ” लेटर पढ़ते ही आयशा के होश उड़ जाते है और अब आयशा की समझ आता है कि क्यों अमित उसे किसी से बात नहीं करने देता था और सबसे लड़ता रहता था। आयशा को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि बो क्या करे। आयशा अमित के बारे में सोचती रही और अमित का इंतज़ार करती रही लेकिन पूरी रात अमित कहीं नहीं दिखा और आयशा की सगाई हो जाती है।

सुबह अमित आता है और घर में कह देता की दोस्त के यँहा रुक गया था और आ नहीं पाया। सुबह आयशा अमित के पास जाती है और लेटर दिखाते हुए कहती है – ये क्या है ” अमित – कुछ नहीं ” और लेटर लेकर फाड़ देता है और कहता है – ये सब पुरानी बाटे है और सॉरी मैं तुम्हारी सगाई में नहीं आ पाया ” आयशा को पता था अमित खुश नहीं है मगर आयशा ने भी कभी अमित को उस नज़र से नहीं देखा उसने उसे हमेशा अपना दोस्त ही समझा था लेकिन अमित आयशा के सामने अपने आप को खुश दिखाता ताकि आयशा को बुरा ना लगे।

कुछ दिनों बाद आयशा की शादी होती है शादी में अमित ने पूरा काम करता है और अपने आपको खुश दिखाता रहा और अंदर ही अंदर रोता रहा, अमित ने सोच लिया था कि जरूरी तो नहीं जिसे हम प्यार करे बो भी हमें ही प्यार करे उसे भी हक़ है अपने पसंद के इंसान को चुनना । इसलिए अमित खुश था और मोहब्बत को अधूरी मोहब्बत बनते देखता रहा ।

तो दोस्तों ये थी अमित कि अधूरी मोहब्बत कि कहानी । आप सब को ये कहानी कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताये , और आप अपनी राये भी कमेंट में बता सकते है आपको किस तरह कि कहानियां पढ़ना पसंद है धन्यवाद ।

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