B21 – तीन दोस्तों की कहानी | Sad Love Story Hindi

तीन दोस्तों की कहानी Sad Love Story Hindi विवेक प्रांची से बेहद मोहब्बत करता था लेकिन प्रांची राहुल को पसंद करती थी विवेक की कहानी | Sad Love Story Hindi और तीनो बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन कैसे तीनो कि दोस्ती टूट गयी और क्या हुआ विवेक कि ज़िंदगी का विवेक की कहानी | Sad Love Story Hindi जानिए इस कहानी को पढ़कर – विवेक की कहानी Sad Love Story Hindi

Sad Love Story Hindi

स्कूल – Sad Love Story Hindi

बात शुरू होती है दिल्ली के एक स्कूल से विवेक, प्रांची और राहुल तीनों बहुत ही अच्छे दोस्त थे स्कूल में सबसे अच्छे दोस्तों का ग्रुप था तीनों का, सब सही चल रहा था विवेक प्रांची को बेहद पसंद करता था लेकिन प्रांची राहुल से प्यार करती थी लेकिन अभी तक किसी ने एक दूसरे को पता नहीं चलने दिया। विवेक थोड़ा शेहमा सा लड़का था कम बोलता था और सबको खुश रखने की कोशिस करता था वही प्रांची और राहुल बहुत ही ज्यादा बोलते थे और सबसे लड़ने के लिए भी तेयार रहते थे

इसी बीच विवेक को एक लड़की पसंद करती थी महिमा, महिमा के पिता शहर के सबसे अमीर आदमी थे उसे जो पसंद आ जाता था समझो उसे चाइये ही था इसलिए एक दिन महिमा ने विवेक को स्कूल में रोका और कहा – विवेक मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो मेरे बॉयफ्रेंड बन जाओ ‘ विवेक ने शांति से जबाब दिया और कहा – में तुम्हारी बहुत इज़्ज़त करता हूँ महिमा और तुम बहुत अच्छी हो लेकिन मैंने तुम्हे कभी उस नज़र से नहीं देखा इसलिए मुझे माफ करना मेरे दिल में तुम्हारे लिए ऐसा कुछ नहीं है ‘ महिमा को इस बात का बुरा लगा और वह वहाँ से चली गयी ।

कुछ दिनों बाद विवेक, प्रांची और राहुल तीनों लंच कर रहे थे महिमा फिर वहाँ जाती है और उन तीनों के साथ बैठ जाती है वैसे प्रांची को महिमा बिल्कुल पसंद नहीं थी । थोड़ी देर बाद महिमा विवेक से कहती है – क्या सोचा विवेक तुमने मेरे प्रपोज़ल के बारे में’ विवेक – मैंने उसी दिन जबाब दे दिया था और मेरा जबाब हर बार एक ही रहेगा तो प्लीज तुम परेशान मत हो’ प्रांची हँसने लगती है और फिर महिमा उठ कर जाते जाते कह कर जाती है – शादी तो तुमसे ही होगी मेरी कुछ भी करलो तुम’ और चली जाती है ।

कॉलेज – Sad Love Story Hindi

धीरे धीरे दिन निकलते गये और स्कूल खतम हो गया अब तीनों कॉलेज में आ चुके थे और दोस्ती निभाते हुए तीनों ने एक ही कॉलेज में एड्मिशन लिया और वहाँ महिमा ने भी अपने प्यार के खातिर विवेक के साथ उसी के कॉलेज में एड्मिशन ले लिया। लगभग समय गुजरता रहा और फरवरी आ गया था और वेलेंटाइन डे आने बाला था प्रांची ने इस दिन राहुल को प्रपोज़ करने का सोचा और विवेक ने भी प्रांची को अपने दिल की बात बताने की सोचा । यहीं से तीनों की ज़िंदगी खुशियो से दुख में बदलती है।

वेलेंटाइन की सुबह विवेक प्रांची को प्रपोज करने की खुशी में घर से कॉलेज निकलता है और विवेक प्रांची को देखने लगता है और बो उसके पास जाता है विवेक कुछ बोले उससे पहले प्रांची विवेक से बोलती है – मुझे तुमसे कुछ बात करनी है मैं बहुत खुश हूँ आज, कैसे कहु तुमसे ‘ विवेक खुश हो जाता और समझता है कि प्रांची भी उसे पसंद करती है लेकिन जब प्रांची विवेक से कहती है – में आज राहुल को प्रपोज करने वाली हूँ’ ये सुनकर विवेक दुखी हो गया लेकिन फिर प्रांची को खुश देख कर बो भी एक दम से फिर खुश हो गया ।

विवेक का दिल टूट चुका था चुप चाप बो देखता रहा कुछ देर बाद राहुल आया और प्रांची ने विवेक के सामने राहुल को प्रपोज़ किया लेकिन राहुल – यार प्रांची हम तो दोस्त है ये सब क्या है मैंने कभी नहीं सोचा था ये सॉर्री, विवेक समझाओ यार इसे ‘ विवेक चुप रहता है और फिर राहुल वहाँ से चला जाता है प्रांची को बुरा लगता है राहुल के व्यवहार से, तो वह भी वहाँ से चली जाती है विवेक चुप रहकर अपने प्यार का सपना टूटते देखता रह गया।

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अगले दिन जब तीनों कॉलेज आये तो एक दूसरे से ज्यादा बात नहीं की विवेक तो वैसे भी ज्यादा नहीं बोलता और सबको खुश करने की कोशिस करता इसलिए जब लंच हुआ राहुल ग्राउंड में था विवेक ने प्रांची को देखा प्रांची उदास बैठी थी विवेक राहुल से बात करने बाहर गया, उसने राहुल से कहा – क्या प्रॉब्लम है प्रांची में इतनी अच्छी तो लड़की है, राहुल – अच्छी लड़की है भाई पर मैंने कभी उसे उस नज़र से देखा ही नहीं और सच बताऊ तो मैं किसी और को पसंद करता हूँ’ विवेक सांत रह गया और चला गया।

लेकिन जब विवेक यहाँ राहुल से बात करने आया था उसी वक़्त प्रांची को कोई बुक चाइये थी इसलिए प्रांची ने विवेक का बैग देखा उसमे प्रांची को लेटर मिला जिसमे लिखा था – आज वेलेंटाइन है इसलिए में भी अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूँ जब से तुम्हारे साथ हूँ बहुत खुश हूँ ये साथ स्कूल, कॉलेज तक ही ना रहे इसलिए जीवन भर का साथ चाहता हूँ, तुमसे प्यार करता हूँ, और शादी करना चाहता हूँ I Love You प्रांची, क्या तुम भी मुझसे प्यार करती हो ‘

प्रांची अपना नाम पढ़कर चौक गयी और उसे उस दिन का दुख हुआ जब उसने राहुल को उसी से कहकर प्रपोज़ किया और फिर भी विवेक ने उसे सपोट किया ये सब जानकर प्रांची के दिल में विवेक की इज़्ज़त बड़ गयी प्रांची ने लेटर रख दिया और थोड़ी देर में विवेक और राहुल आ गए राहुल अलग बैठा था विवेक प्रांची के पास ही बैठा था और प्रांची से विवेक ने बोला – उदास मत हो राहुल मान जायेगा और उसे तुमसे अच्छी लड़की मिलेगी भी नहीं’ विवेक और प्रांची को पता था की राहुल नहीं मनेगा लेकिन विवेक उसकी उदासी दूर करने की कोशिस कर रहा था।

प्रांची विवेक को देखती रही कि कैसे बो अपना दर्द छिपा रहा था दिन बीत रहे थे प्रांची विवेक को नोटिस कर रही थी और धीरे धीरे प्रांची विवेक को ही पसंद करने लगी थी इसलिए प्रांची ने भी सोच लिया था कि वह विवेक से शादी कर लेगी। लेकिन एक दिन महिमा ने अपने पिता को विवेक के घर भेजा रिश्ते के लिए, विवेक भी घर पर ही था महिमा के पिता ने विवेक के पिता से रिश्ते की बात की, महिमा के पिता को सब जानते थे पैसे बाले थे इसलिए विवेक की माँ और पिता इस रिश्ते की सुनकर ही खुश हो गये और हाँ कह दिया,

लेकिन फिर भी एक बार महिमा के पिता ने विवेक से पूछा और कहा – विवेक तुम्हे महिमा पसंद तो है न कोई ऐतराज तो नहीं इस शादी से’ विवेक ने जबाब दिया – जैसे माँ पापा को ठीक लगे मुझे उनके फैसले से कोई प्रॉब्लम नहीं है’ इतना कहकर विवेक चला गया और छत पर जाकर रोने लगा। महिमा के पिता ने हाल ही पंडित को बुलाया और शादी तय करबा दी 3 महीने बाद शादी निकली, सब तेयार हो गए और शादी पक्की करदी।

अगले दिन प्रांची सोच रही थी विवेक को प्रपोज़ करने की लेकिन कॉलेज में जब विवेक राहुल और प्रांची बैठे थे तभी महिमा आती है और विवेक से कहती है – कैसे है आप क्या कर रहे ‘ विवेक नज़र झुकाये हुए कहता है – ठीक हूँ ‘ प्रांची गुस्से में महिमा से कहती है – तुम्हे क्या करना कैसा भी हो अपना काम करो ‘ महिमा – ज्यादा मुह मत चलाओ में अपने होने बाले हसबैंड से बात कर रही तुझसे नहीं 3 महीने बाद शादी है हमारी’ प्रांची सुनकर टूट गयी और विवेक से पूछा ये सब क्या है,

विवेकमहिमा के पिता आये थे मम्मी पापा ने हाँ कह दिया’ प्रांची – और तुमने कुछ नहीं कहा, विवेक – मैं क्या कहता मम्मी पापा के आगे ‘ इतना कहकर विवेक वहाँ से चला गया तभी राहुल प्रांची से कहता है – सही तो है महिमा अच्छे घर से और लड़की भी सही ही है ‘ प्रांची भी वहाँ से उठकर चली जाती है और बाथरूम में जाकर रोने लगती है विवेक भी खुश नहीं था लेकिन उसे ये नहीं पता था की प्रांची उसे पसंद करने लगी थी इसलिए बो ये सोच कर कुछ नहीं बोला कि उसके पास कोई ऑप्शन ही नहीं है और उसे उसका प्यार नहीं मिला तो महिमा को ही मिल जाये।

धीरे – धीरे तीन महीने कब निकल गए पता ही नहीं चला विवेक और महिमा की शादी आ गयी थी महिमा ने प्रांची को जलाने के लिए शादी का कार्ड दिया, लेकिन प्रांची बस हस्ती रही अपनी क़िस्मत या फिर जल्दबाज़ी पर, राहुल और प्रांची शादी में आये और विवेक महिमा को बधाई दी प्रांची उदास थी लेकिन विवेक को अभी भी यही लगता रहा कि उसे राहुल ना मिलने का दुःख है विवेक और प्रांची बस सोचते रहे कि कैसे भी शादी रुक जाए लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शादी हो गयी ।

इन सब में महिमा बहुत खुश थी लेकिन विवेक चुप रहा उसने महिमा से ठीक से बात तक नहीं की इसलिए महिमा ने पूछा – आप बात क्यों नहीं कर रहे नाराज़ हो क्या’ विवेक – नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है’ ऐसा कहकर विवेक अपनी झूठी हंसी दिखा कर – सो जाओ कल कॉलेज जाना है’ और विवेक सो गया महिमा रात भर बैठी रही। सुबह दोनों साथ कॉलेज गए लेकिन प्रांची ने विवेक से बात नहीं की और विवेक भी क्लास में शांत बैठा रहा।

प्रांची विवेक के बारे में सोचती रहती और रोती रहती इसलिए उसके मन में ख्याल आने लगे “कि विवेक खुद प्यार करता उससे और उसे जब ये पता लगेगा कि में भी उससे प्यार करती हूँ तो बो आ जायेगा मेरे पास” लेकिन प्रांची ये भूल रही थी कि अब उसकी शादी हो चुकी है इसलिए बिना सोचे समझे एक दिन प्रांची विवेक को देखने लगी विवेक और महिमा कॉलेज कि कैंटीन में बैठे थे प्रांची कैंटीन में जाती है और सबके सामने विवेक को कहती है – I Love  You विवेक मुझसे शादी करलो में तुमसे बहुत प्यार करती हूँ “

महिमा वही खड़ी थी महिमा ने जोर से प्रांची को थप्पड़ मारा, प्रांची रो रही थी और कहती जा रही थी – में नहीं  रह पाओगी तुम्हारे बिना तुम भी तो मुझसे प्यार करते हो मैंने पढ़ा तुम्हरा लेटर” ये सुनकर महिमा को विवेक पर सक होने लगा और महिमा गुस्से में वहां से चली गयी । विवेक ने प्रांची को बैठाया और कहा – देखो प्रांची अब मेरी शादी हो चुकी है में तुमसे प्यार करता था लेकिन अब नहीं करता और तुम पहले राहुल को पसंद करती थी अब मुझे ये प्यार नहीं है तुम्हरा मन अभी चंचल है तुम अपने मम्मी पापा के पसंद से शादी करलो तुम्हे उससे से भी प्यार हो जायेगा’ इतना कहकर विवेक चला गया।

रस्ते भर विवेक सोचता गया कि काश प्रांची ये शादी के पहले बता देती, घर पर महिमा विवेक से लड़ने को बैठी थी जैसे ही विवेक पंहुचा, प्रांची उसपे चिल्लाने लगी और कहने लगी – ये सब करने पर अच्छा लग रहा आपको तभी शादी के दिन से ना मुझे टच किया और ना ही ठीक से बात करते “ विवेक – देखो चिल्लाओ मत सब सुन लेंगे मेरी बात सुन लो पहले’ महिमा रो रही थी और विवेक के मम्मी पापा को पता चल गया था कि कोई बात है 

विवेक ने महिमा से कहा – बो लेटर तो मैंने दिया ही नहीं और शादी से पहले लिखा था अब में प्रांची से प्यार नहीं करता यही बात है आगे तुम्हरी मर्ज़ी चिल्लाना है तो चिल्लाओ ‘ इतना कहकर विवेक छत पर चला गया और रोने लगा कुछ देर महिमा ने विवेक को बुलाया और खाना खाने को कहा विवेक कि मम्मी ने पूछा कुछ हो गया क्या बहु, महिमा ने कहा – नहीं मम्मी कुछ नहीं हुआ ” महिमा ने रात में विवेक को छूने कि कोशिस की लेकिन विवेक दूर रहा, महिमा को गुस्सा आ गया और फिर प्रांची के बारे में सोचने लगी ।

सुबह कॉलेज जाने कि बजह प्रांची अपना सामान पैक करने लगी, विवेक ने पूछा कहा जा रही ‘ महिमा ने गुस्से में बोला – प्रांची से शादी करलो मेरे साथ खुश नहीं हो घर जाकर डाइवोर्स के पेपर भिजवा दूगी” विवेक डर गया उसने महिमा से कहा – रुक जाओ प्लीज में सब सही करने कि कोशिस करुगा आज से ही’ महिमा मान जाती है और दोनों कॉलेज चले जाते है विवेक चुप चाप सब सह रहा था सबकी  खुसी के लिए खुद को दुखी किये जा रहा था दिनभर सोचता रहा विवेक और खुद को समझाया कि यही अब उसकी ज़िंदगी है और उसे जीना पढ़ेगा।

शाम होने बाली थी उसने प्रांची और राहुल से कॉन्फ्रेंस में बात कि और कहा – कैसे हो तुम दोनों ‘ प्रांची नाराज़ थी इसलिए ज्यादा बात नहीं कि और राहुल भी थोड़ी बात करके फ़ोन रख दिया दोस्ती टूट चुकी थी सब कुछ बदल चूका था विवेक घर गया काफी देर छत पर बैठा रहा फिर महिमा ने बुलाया और उस रात विवेक ने महिमा की सभी बाते मानी । बो नहीं चाहता था कि महिमा घर जाये और महिमा के पिता भी महिमा को दुखी नहीं देख सकते उसके लिए वह कुछ भी कर सकते थे ।

करीब एक साल हो गया था कॉलेज भी ख़तम हो गया था और विवेक कोई जॉब करने लगा था पूरी तरह खुश तो नहीं था लेकिन सबको खुश दिखाने कि कोशिस  करता रहा, महिमा बुरी नहीं थी बस बो विवेक से प्यार बहुत करती थी और विवेक का ख्याल भी बहुत रखती थी । लेकिन तीनो दोस्त अलग हो गए थे जिसके बाद वह आज तक नहीं मिले सब अपनी अपनी लाइफ जी रहे थे ।

तो दोस्तों ये थी तीन दोस्तों की कहानी Sad Love Story Hindi कैसी लगी आपको आप अपनी राये कमेंट में जरूर बताये धन्यवाद ।

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